राहुल गांधी काफी बदले बदले नजर आते हैं. मोदी पर सीधा वार रहे हैं और पार्टी में भी सुधार कर रहे हैं. नए पुराने को साथ लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया और इसका नतीजा ये हुआ है कि कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. लेकिन सवाल ये है कि आजकल राहुल गांधी का प्रमुख रणनीतिकार कौन है. क्योंकि कभी अशोक गहलोत राहुल का आंख कान माना जाता था लेकिन जब से वो राजस्थान की राजनीति में लौटे हैं ये काम अहमत पटेल के हाथ आ गया है. लोकसभा चुनाव में पार्टी किस रणनीति पर काम करेगी और इसका रणनीतिकार कौन होगा इसका जवाब उस वक्त मिला जब अहमद पटेल कांग्रेस के साथ सहयोगियों को जोड़ने के काम में लगे देखे गए.
बिहार की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जब एनडीए से अलग होने का फैसला किया तो अहमद पटेल उनके घर गए थे. इसका नतीजा ये हुआ कि कुछ दिनों बाद कुशवाह यूपीए में आ गए. कुछ और दलों से भी अहमद पटेल की बातचीत चल रही है. ये घटनाक्रम बताता है कि आने वाले वक्त में अहमद पटेल राहुल गांधी के लिए वही भूमिका निभाएंगे जो कभी उन्होंने सोनिया गांधी के लिए निभाई थी. सोनिया गांधी जब कांग्रेस अध्यक्ष थीं तो अहमद पटेल उनके राजनीतिक सलाहकार थे.राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ऐसा लग रहा था कि अहमद पटेल की जगह गहलोत या कमलनाथ ले सकते हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
हालांकि जब राहुल ने कांग्रेस की कमाल संभाली थी उस वक्त अहमद पटेल से ज्यादा गहलोत को आगे किया था राहुल गांधी. ये इसलिए भी हैरान करने वाला था क्योंकि पटेल का गृहराज्य है गुजरात. गुजरात चुनाव के लिए जो घोषणापत्र बनाया गया उसमें भी अहमत पटेल से ज्यादा सैम पित्रोदा की अहम भूमिका निभाई. गुजरात चुनाव के नतीजे आने के बाद गहलोत को कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय दिया गया ना कि पटेल को. कर्नाटक चुनाव में भी अशोक गहलोत राहुल गांधी के सबसे करीब और प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका निभाते रहे. अहमद पटेल के बारे में ये माना जाने लगा कि उनका पार्टी में वो कद नहीं रहा जो सोनिया गांधी के जमाने में था. अशोक गहलोत हों, कमलनाथ, गुलाम नबी आजाद जैसे नेता उनपर हावी होते दिखाई दिए.
पांच राज्यों में हुए विधानसभा ने अहमद पटेल को मौका दे दिया और ये मौका उन्होंने भुना लिया. गहलोत, कमलनाथ जैसे नेताओं को दिल्ली की राजनीति से दूर होना पड़ा और अहमद पटेल एक बार फिर फ्रंटफुट पर आ गए. कहा जा रहा है कि जब राजस्थान में सीएम की कुर्सी के लिए खींचतान हो रही थी उस वक्त अहमद पटेल ने गहलोत का साथ दिया था. गहलोत के राजस्थान के सीएम बनने के बाद वो दिल्ली की राजनीति में उतने सक्रिय नहीं हैं और इसका असर ये है कि अब अहमद पटेल राहुल गांधी के प्रमुख रणनीतिकार बन गए हैं.