रोजगार के लिए लोग मुर्गी पालते हैं, मधुमक्खी
पालते हैं, तीतर पालते हैं, भेड़ पालते हैं और भी बहुत सी चीजें पाली जाती हैं.
लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि झींगुर और टिड्डे पालने के कारोबा के बारे में.
अगर नहीं सुना तो आपको बता दें कि ये सभी कारोबारों से ज्यादा मुनाफे वाला कारोबार
है.
कीड़ों का करोबार दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है और एक अनुमान के मुताबिक ये करोड़ों में पहुंच गया है. प्रोटीन से भरे झींगुर और टिड्डे लोगों की भूख मिटाने के काम आ रहे हैं. कीड़े खाद्य और कृषि क्षेत्र का बड़ा कारोबार बनने का दम रखते हैं. इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि आने वाले वक्त में ये बहुत बड़े कारोबार की शक्ल लेने वाला है. पश्चिमी मुल्कों में लोग इन कीड़ों को प्रोटीन का स्थाई स्त्रोत मामने लगे हैं. बताया जाता है कि इन कीड़ों में सभी नौ तरह के अमीनो एसिड होते हैं जो इंसानों के खाने के लिए जरूरी हैं. इन कीड़ों को पालने से ना सिर्फ प्रोटीन की जरूरतें पूरी होंगी बल्कि ग्रीम हाउस गैसों में भी कमी आएगी. अमरीकी ग्लोबल मार्केट इनसाइट्स की रिपोर्ट कहती है कि
‘उच्च-प्रोटीन और सुविधाजनक खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के कारण खाने लायक़ कीड़ों का बाज़ार 2017 के 5.5 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2024 में 71 करोड़ डॉलर हो जाएगा’
झींगुर और टिड्डे के आटे, बार और स्नैक्स इन दिनों मांग में बने हुए हैं. जानवरों के चारे में भी इन कीड़ों का इस्तेमाल होने की पूरी संभावना है. जानवरों के चारे में इस्तेमाल होने वाले तमाम अनाजों से कीड़ों का पालन सस्ता भी होगा. इसकी संभावनों को देखते हुए
- द अमरीकन कोलिशन फ़ॉर इंसेक्ट एग्रीकल्चर ने FDA और USDA में लॉबिंग शुरू कर दी है. इन संगठनों का कहना है कि कीड़ों को खाद्य पदार्थ के रूप में मान्यता दी जाए.
- यूरोपीय संघ में 2018 के नोवेल फ़ूड रूल्स ने मुख्यधारा की फ़ूड मैन्यूफैक्चरिंग में कीड़ों को शामिल करने के लिए एक क़ानूनी ढांचा बनाना शुरू कर दिया है.
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का अनुमान है कि दुनिया भर में क़रीब दो अरब लोग कीट-पतंगों को रोज़ाना के खाने में शामिल करते हैं.
- FAO के मुताबिक दुनिया भर में बीटल्स और कैटरपिलर सबसे ज्यादा खाए जाने वाले कीड़े हैं, मगर विकसित देशों में झींगुर ने मुख्यधारा के व्यंजनों में अपनी जगह बना ली है.
कुछ देश तो ऐसे जहां बड़े पैमाने पर कीड़ों को खाया जाता है. उन्हीं देशों में शुमार होता है थाईलैंड, 2017 में थाईलैंड ने झींगुर पालन के दिशानिर्देश तय किए ताकि उनका सुरक्षित और कुशल उत्पादन हो सके. थाईलैंड में बड़े पैमाने पर लोग कीड़ों के कारोबार में लोग निवेश कर रहे हैं. अगर यूरोप और अमेरिका की बात करें तो झींगुर से बने प्रोटीन बार यहां काफी मशहूर हो रहे हैं. 2016 और 2017 में खाने लायक़ कीड़ों के बारे में जितने एकैडमिक पेपर छपे, उतने उसके पहले के 10 साल में भी नहीं छपे थे. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में दुनिया झींगुर और कॉकरोज को खाने में इस्तेमाल करेगी और इसका कारोबार करने की काफी संभावना है.