‘देश आज संकट का सामना कर रहा है और पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए को युद्ध की स्थिति के लिए तैयार रहना होगा.’
शुक्रवार को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) की बीजिंग में हुई बैठक में कमीशन के चेयरमैन शी जिनपिंन ने आला अधिकारियों को ये बात कही. चीन को लगता है कि दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है. चीनी राष्ट्रपति ने उस दस्तावैज पर दस्तखत किए हैं जिसमें चीनी सैनिकों को और सख्त ट्रेनिंग देने की बात लिखी हुई है. राष्ट्रपित ने स्पष्ट कर दिया है कि सैन्य दस्ते राष्ट्रीय खतरों को समझें और हर हालात के लिए तैयार रहें.
चीन की स्थापना दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर थियानमेन चौक में सैन्य परेड होगी जिसमें पीपल्स लिबरेशन आर्मी की सही युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा. ड्रैगन इस मौके को भुनाने की कोशिश में है, वो दुनिया को अपनी सैन्य ताकत दिखाना चाहता है. चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी मौजूदगी ही नहीं नियंत्रण भी बढ़ाना चाहता है और साथ ही अमरीका के साथ व्यापार के मुद्दों को लेकर और ताइवान के साथ भी चीन के रिश्ते तनावग्रस्त हैं. ऐसे में चीनी राष्ट्रपित का बयान अहम हो जाता है.
ऐसा दूसरी बार है जब चीन का सेंट्रल मिलिट्री कमीशन सैन्य इकाइयों के बीच सार्वजनिक गतिविधि करा रहा है. इससे पहले, पिछले साल 3 जनवरी को पहली बार ऐसा देखा गया था. दरअसल ट्रंप ने एशिया रीअश्योरेंस इनिशिएटिव एक्ट को मंज़ूरी दे दी है इसकी वजह से चीन परेशान है. दुनिया की लगभग आधी आबादी वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए बने इस कानून के मुताबिक दक्षिण चीन सागर में चीन का अवैध निर्माण और उसकी सैन्य मौजूदगी अमरीका के राष्ट्रीय हितों, क्षेत्र में शांति और वैश्विक स्थायित्व के विरुद्ध है.