दूर-दूर तक मन को तृप्त कर देने वाले अद्भुत द्रश्य, रूह को सुकून देने वाली गहरी शांति, हिम और हरियाली व्यापक विस्तार. शब्द छोटे लगते हैं जब हम लेह की बात करते हैं. लेह के सौंदर्य को कुदरत ने जो सौंपा है उसे शब्दों में पिरोना कठिन ही नहीं नामुमकिन सा लगता है. हिन्दुस्तान का वो किनारा जो ना सिर्फ कुदरती तौर पर अलग है बल्कि एकदम कटा सा लगता है. लेकिन वहां जिंदगी बसती है और हैरानी होगी आपको ये जानकर ये वहां आप वो सुख महसूस करते हैं जिसकी तलाश ताउम्र करें तो भी आपको हासिल नहीं होगा.
प्रधानमंत्री के विकास पैकेज-2015 के तहत पर्यटन वो बढ़ावा दिया गया और लेह भी उसमें शामिल है. जम्मू-कश्मीर में लद्दाख क्षेत्र में कई पर्यटन-ट्रेकिंग रूटों को खोलने का प्रस्ताव किया है. लद्दाख अगर आप जाना चाहते हैं तो आप आपको 7 नहीं 15 दिन का परमिट मिल जाएगा. अभी जिन रुटों पर जाने से आपको रोक दिया जाता था अब वहां आप बेरोकटोक जा सकते हैं. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत उठाए गए कदमों को मिली सफलता के बाद यह फैसला किया गया है.
नए रुटों की बात करें तो मेरक-लेमा बेंड; चुशूल-कर्तसांगला-माहे; दुरबुक-शाहीकुल-थारुक-सतो कारज्ञाम-पर्मा-इराथ- चुशूल एवं लोमा-हनले; कोर्ज़ोक-नूरबो-सुमोडो-परांगला-कज़ांड; अज्ञाम-शायोक-दुरबुक जैसे रुटों पर आप आसानी से आ जा सकते हैं. इसी तरह फ़ियांग-डोक्ला-हुंडरडोक–हुंडर; बसगो-ने-हुंडरडोक-हुंडर; तेमिसगाम-लरज्ञाप-पंचथांग-स्कुरु; सस्पोल-सस्पोची-राकुराला-स्कुरु भी इसमें शामिल है. पर्यटकों की हिफाजत के लिए लेह के उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा जिसमें सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, आईटीबीपी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि होंगे. हर तीन महीने में ये समिति बैठक करेगी और नए रुटों के बारे में इंतजाम करेगी. तो देर न करिए लेह में कुदरत के खिले खिले रुप को देकर आप भी खिलखिला उठेंगे.