BJP ने चुनाव हारकर क्या गंवा दिया ?
ये नियति है कि जो चढ़ता है उसने उतरना भी पड़ता है. क्या ये बात हम बीजेपी के संदर्भ में कह सकते हैं. 2014 में जब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया किया था उस वक्त बीजेपी के कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस मुक्त भारत की बात की थी. लोकसभा चुनाव के बाद जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए वहां भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता गया. मगर अब यानी 11 दिसंबर के बाद हवा का रूख बदला है और बीजेपी को जिन तीन राज्यों में सत्ता गंवानी पड़ी है उससे उसे काफी नुकसान हुआ है.
हिन्दी हार्टलैंड में हारने के साइड इफेक्ट
- 2014 के बाद लगातार मिली जीत के बाद ये पहला बड़ा झटका लगा है
- 3 राज्यों में चुनाव हारने के बाद अब BJP की सरकार 16 राज्यों में है
- जिन 3 राज्यों में BJP हारी है उन राज्यों में 14 फीसदी आबादी रहती है
- 2018 की शुरुआत तक BJP देश की 70% आबादी पर शासन कर रही थी
- AP और J&K में PDP और TDP से अलग होने के बाद BJP को झटका लगा
- अब बीजेपी देश की 49% यानी 59,12,85,233 लोगों पर राज कर रही है
- 3 राज्यों में जीतकर कांग्रेस 21% यानी 25,68,07,032 लोगों पर राज कर रही है
- जिन 3 राज्यों में बीजेपी हारी उन राज्यों में लोकसभा की 65 सीटें आती हैं
- 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन 65 सीटों में से 62 जीतीं थीं
- 2014 से पहले कांग्रेस की 13 और बीजेपी की 7 राज्यों में सत्ता में थी
- मोदी के पीएम बनने के बाद बीजेपी ने देश के 21 राज्यों में सरकार बनाई
- 2014 के बाद कांग्रेस ने सिर्फ पंजाब और पुडुचेरी में सरकार बना पाई
- 2018 में कर्नाटक चुनाव में भी कांग्रेस हारी लेकिन JDS के साथ सरकार में है
चुनाव हारने का लोकसभा चुनाव पर असर
कांग्रेस के लिए ये जीत किसी संजीवनी से कम नहीं है. जिन तीन राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई है वो तीनो राज्य बीजेपी के लिए बहुत जरूरी राज्य थे. ये वो राज्य थे जहां बीजेपी की पकड़ सबसे मजबूत मानी जाती थी. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बीजेपी पिछले 15 सालों से सरकार में थी और इन राज्यों में उसका कॉडर बहुत मजबूत माना जाता था. अब देश के जो प्रमुख राज्य है जिनमें पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ उनमें बीजेपी की सरकार नहीं है. क्या इसका असर लोकसभा चुनाव में पड़ेगा.