एक अखबार पढ़ते वक्त मुझे ये खबर मिली. पहले आपको खबर के बारे में बताते हैं. खबर ये थी कि
‘गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में क़ानून की परीक्षा दे रहे छात्रों से प्रश्नपत्र में पूछा गया, ‘अहमद, एक मुसलमान बाज़ार में रोहित, तुषार, मानव और राहुल जो हिंदू हैं, के सामने एक गाय को मार देता है। क्या अहमद ने कोई अपराध किया है?’
पढ़कर गुस्सा आया और पता चला कि ये सवाल जिस प्रश्नपत्र में था वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और बाद में यूनिवर्सिटी ने पेपर से इस प्रश्न को रद्द कर दिया. लेकिन क्या ये सवाल और पूरा घटनाक्रम ऐसा है जिसकर पढ़कर भूल जाना चाहिए. शायद कुछ लोगों के लिए लेकर मेरे लिए नहीं है. क्योंकि य सिलसिला लगातार चल रहा है. अब जरा इस पर गौर करिए.
फरवरी-2018: यूपी बोर्ड परीक्षा में इंटर अंग्रेजी द्वितीय का प्रश्नपत्र जिसका पेपर कोड 117/2 323 (सीए) है उसमें पूछा गया प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की अपने कर्तव्य के प्रति कामचोरी का शिकायती पत्र जिलाधिकारी के नाम लिखें। इस पेपर से लखनऊ समेत कई जिलों में परीक्षा कराई गई? इसा विरोध शुरू हो गया और मामला कोर्ट में चला गया.
7 दिसंबर-2018 : करीब 4 दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए टीईटी परीक्षा में पूछे गए आठ प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज कराई है. अभ्यर्थियों ने प्रश्नों के सापेक्ष खुद को टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण बताया है और 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में खुद को आवेदन करने के लिए मौका दिए जाने की मांग की है. 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 20 दिसंबर ही है.
अगस्त: 2018 पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूल के 8वीं की परीक्षा में विवादित प्रश्न पूछा गया और सोशल नेटवर्किंग साइट ममता सरकार की आलोचना शुरु हो गई.
2009: रांची यूनिवर्सिटी के पीजी पार्ट-2 हिस्ट्री के 11वें प्रश्नपत्र में पूछे गये आपत्तिजनक सवाल की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने रिपोर्ट राज्यपाल सह कुलाधिपति सैयद सिब्ते को सौंप दी. जांच कमेटी के अध्यक्ष अमित खर ने राजभवन में 35 पेज की जांच रिपोर्ट सौंपी तो राज्यपाल ने कहा, वह जांच रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे.
2016 : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग साल 2013 में हुई प्रारंभिक परीक्षा को रद्द नहीं करेगा, आपको बता दें कि इसमें जो 16 विवादित प्रश्नों को रद्द कर बाकी प्रश्नों के अंकों के आधार पर नतीजे घोषित करने का फैसला किया जाएगा. इसके बाद अभ्यर्थियों ने आयोग की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2013 में 16 प्रश्न में बोनस अंक देने पर विरोध जताया है.
नवंबर-2018: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की हालत आप ऐसे समझ सकते हैं कि UPPCS प्री एक्जाम 2017 के 5-6 प्रश्नों के गलत उत्तर ही मान्य रहे. कोर्ट के आदेश का भी कोई असर न हुआ.
अक्टूबर 2018: दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड के एक एग्जाम पेपर में प्रश्न नंबर 71 में आपत्तिजनक जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया गया. इस एग्जाम के बाद सोशल मीडिया में भी लोगों के बीच चर्चा हो रही है और डीएसएसएसबी की जमकर आलोचना हो रही है. दिल्ली सरकार के एससी-एसटी मिनिस्टर राजेंद्र पाल गौतम ने भी इसे लेकर नाराजगी जताई है.