सिडनी: भारतमें अक्सर विपक्ष के निशाने पर रहने वाले अडाणी आजकल ऑस्ट्रेलिया के छात्र-छात्राओं के निशाने पर हैं. इसकी वजह है ऑस्ट्रेलिया में अडाणी का खदान कारोबार, अंग्रेजी अखबार गार्जियन की रिपोर्ट के कहती है कि मेलबर्न, सिडनी, ब्रिसबेन और केयर्सं शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों में करीब 15हज़ार से ज़्यादा छात्र-छात्राओं और लोगों ने हिस्सा लिया है.
अडाणी की कारमाइकल परियोजना का ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ा तबका विरोध कर रहा है. जिसमें ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान और ग्रेग चैपल भी शामिल हैं.
यह परियोजना पर्यावरण विरोधी है. इस परियोजनाके कारण ऑस्ट्रेलिया में भारत की बुरी छवि निर्मित हुई है.
चैपल बंधू
ऑस्ट्रेलिया के तमाम शहरों में छात्र-छात्राएं हाथों में ‘स्टॉप अडाणी’ की तख़्तियां लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. ब्रिसबेन में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अडाणी समूह के मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया. इस बारे में ऑस्ट्रेलियन यूथ क्लाइमेट कोलिज़न नाम के संगठन के मुताबिक अकेले मेलबर्न में करीब पांच हज़ार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
मध्य क्वींसलैंड के गैलिली बेसिन में 16.5 अरब डॉलर की कारमाइकल कोयला खान परियोजना है. इसको लेकर पिछले आठ सालों से विवाद हो रहा है. एक एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणविदों ने इससे ग्रेट बैरियर रीफ को भारी नुकसान की चेतावनी जताई है.
बीते 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के ख़िलाफ़ भी प्रदर्शन किए गए थे क्योंकि कोलमाइन परियोजना का विरोध कर रहे लोगों की उन्होंने आलोचना की थी.
अडाणी ग्रुप की यह कोयला खनन परियोजना मशहूर ‘द ग्रेट बैरियर रीफ’ के नज़दीक है. यह ऑस्ट्रेलिया का बेहद ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है, जहां 600 से अधिक कोरल पाए जाते हैं. यहां रंग-बिरंगी मछलियां, शार्क, डॉल्फिन और स्टारफिश पाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट की वजह से इन सबजीवों पर बुरा असर पड़ेगा.