तेलंगाना: गरीबों की मसीहाई की बात करते करते कब नेता अपनों की रहनुमाई करने लगता है पता ही नहीं चलता. जमीन से जुड़े तमाम नेताओं को देखें तो परिवाद की जड़े दिन ब दिन गहरी होती जा रही हैं. तेलंगाना में KCR मुख्यमंत्री हैं और सत्ता का केंद्र है उनके बेटे के तारक रामा राव के पास, इसके अलावा पार्टी से सांसद KCR की बेटी कविता, भतीजे और दूसरे मंत्री टी हरीश राव भी तेलंगाना की राजनीति में पूरा दखल रखते हैं. यानी पूरी की पूरी पॉवर एक ही परिवार के पास है.KCR ने अपने एक और भतीजे को राज्य सभा सदस्य बनवा दिया है और ये सच है कि तारक रामा राव उनके उत्तराधिकारी होंगे.
आरोप ये भी लग रहे हैं कि कल्याणकारी योजनाओं की बात करने वाले KCR अपनी ही पार्टी के नेताओं से मिलने में कतराते हैं. और ज्यादातर अपना समय आलीशान प्रगति भवन जो उनका आधिकारिक निवास है वहां रहते हैं या फिर अपने निर्वाचन क्षेत्र स्थित फ़ार्महाउस में रहते हैं. ऐसे वक्त में जब 9 महीने पहले ही विधानसभा भंग करके चुनाव कराने का उन्होंने फैसला किया है तो ये समझना जरूरी है कि KCR की रणनीति क्या होगी. राहुल गांधी ने जब ये कहा कि KCR ‘खाओ कमिशन राव’ है तो उनका सीधा इशारा इस ओर था कि उनकी सरकार में जमकर करप्शन हुआ. कांग्रेस, टीडीपी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और तेलंगाना जन समिति सब मिलकर अभी उन्हें घेर रहे हैं. और गणित ये है कि अगर गठबंधन में शामिल पार्टियों का 2014 का वोट परसेंटेज इस बार मिल भी उनके हिस्से गया तो उन्हें 41% वोट मिलेंगे और टीआरएस को सिर्फ 34.3%.