दिल्ली: भारत नेपियर टेस्ट में जूझ रहा था. भारत को एक अदद ड्रा की तलाश थी. गंभीर मैदान पर थे और उन्होंने उम्मीद को टूटने नहीं दिया. क़रीब 13 घंटे तक पिच पर डटकर गंभीर ने 137 रनों की पारी खेली. एक बल्लेबाज की जिजीविषा का ये अद्भुत परिचय था.
गौतम गंभीर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. खेल के मैदान पर गंभीर की गंभीरता को कोई नकार नहीं सकता. फिर चाहें वो देश के लिए खेले हों या फिर कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेलें उन्होंने बेहतरीन पारियां खेलीं हैं लेकिन अब गौतम गंभीर क्या करेंगे ? ये सवाल अहम है. एक कयास ये लगाया जा रहा है कि वो राजनीति में जा सकते हैं. इस पीछे गंभीर का चार नवंबर का ट्वीट जिसमें उन्होंने लिखा था. ”कप्तानी अब युवाओं को सौंपने का समय आ गया है इसलिए मैंने DDCA चयनकर्ताओं से मुझे इस रोल के लिए ना चुनने का आग्रह किया है. मैं बैकग्राउंड में रहूंगा और नए लीडर की मदद करूंगा.”
“दर्दे दिल, दर्दे जिगर दिल्ली में जगाया AAP ने, पहले तो यहाँ Oxygen था, Oxygen भगाया AAP ने।” @ArvindKejriwal @AamAadmiParty our generations are going up in smoke like your false promises. U had 1 full year to tame dengue &pollution, sadly you couldn’t control either. Wake up!!! pic.twitter.com/xePi5mubO5
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) October 31, 2018
सवाल ये है वो नया लीडर कौन है. क्या गंभीर बीजेपी में जाएंगे या आप में या फिर कांग्रेस में जा सकते हैं. इसको समझने के लिए आपको गंभीर के ट्वीट पर गौर करना चाहिए…गंभीर लगातार आप सरकार को घेरते रहते हैं और कांग्रेस भी उनके निशाने पर रहती है. इसकी कहा जा रहा है कि गंभीर बीजेपी में जा सकते हैं. 2014 में गंभीर अरूण जेटली के लिए प्रचार करने अमृतसर गए थे. गंभीर ने सन्यास लेने के बाद कहा है कि
After searching for a red ball for 15 years, it’s now time for me to look for a yellow dress for my little one!!!@BCCI #Unbeaten pic.twitter.com/9qzVwKARx8
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 5, 2018
”साल 2014 और 2016 समेत कई बार ऐसे मौक़े आए थे जब मुझे लगा कि करियर अब ख़त्म हो गया है. लेकिन मैंने हार नहीं मानी. मेरी प्रैक्टिस कड़ी हो गई, दौड़े लंबी हो गईं और मैंने खाना बहुत कम कर दिया था. इस बार के आईपीएल में सोचा कि मैं ज़ोरदार वापसी करूंगा. मैं अच्छा महसूस कर रहा था. लेकिन मेरा वक़्त पूरा हो चुका था. हां, ये सच था. 15 साल लंबे करियर के बाद मैं विराम दे रहा हूं. दो विश्व कप, फ़ाइनल में सबसे ज़्यादा रन. और विश्व कप में जीत. यही ख़्वाब मैंने देखा था. कोई ऊपर बैठकर मेरी कहानी लिख रहा था. और उसने कई कमाल अध्याय लिखे. अब स्याही शायद ख़त्म हो चुकी है.”
गौतम गंभीर जिस तरह से राजनीति को लेकर प्रतिक्रिया देते रहे हैं उसको लेकर देखकर लगता है कि वो खाली तो नहीं बैठेंगे और राजनीति में जाने के कयास यूं नहीं लगाए जा रहे हैं. उसके पीछे लोगों के अपने तर्क हैं.